Rbi new rules: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने लोन लेने वालों को एक बड़ी राहत दी है। 9 मई 2025 को जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अब किसी भी ग्राहक द्वारा EMI समय पर न चुकाने पर बैंक या NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान) केवल जुर्माना वसूल सकेंगे, लेकिन उस जुर्माने पर कोई अतिरिक्त दंडात्मक ब्याज नहीं लगाया जाएगा। यह फैसला उन लोगों के लिए खास तौर पर राहत देने वाला है जो अस्थायी रूप से आर्थिक संकट से जूझ रहे होते हैं।
अब तक क्या होता था?
अब तक EMI चूकने पर बैंक न केवल एक निश्चित जुर्माना वसूलते थे, बल्कि उस जुर्माने पर भी दंडात्मक ब्याज लगाते थे। इससे कई बार लोन लेने वालों पर ब्याज और जुर्माने का भारी बोझ पड़ जाता था।
उदाहरण के तौर पर:
अगर किसी की ₹10,000 की EMI बाउंस होती थी, तो ₹500 का जुर्माना लगने के बाद उस ₹500 पर भी 24% तक सालाना ब्याज लगाया जाता था। इस तरह एक छोटी सी चूक बड़ी राशि बन जाती थी।
RBI का नया नियम क्या कहता है?
RBI ने अब यह साफ कर दिया है कि: EMI की देरी पर बैंक या NBFC सिर्फ निश्चित जुर्माना वसूल सकते हैं। उस जुर्माने पर कोई अतिरिक्त ब्याज या शुल्क नहीं लगाया जा सकेगा। यह नियम खुदरा कर्जों (Retail Loans) पर लागू होगा।
नए नियम का उद्देश्य
- कर्जदारों को अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाना।
- EMI भुगतान को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना।
- बैंकों और NBFC की मनमानी शुल्क वसूली पर रोक लगाना।
किन-किन लोन पर लागू होगा यह नियम?
लागू होगा | लागू नहीं होगा |
---|---|
पर्सनल लोन | क्रेडिट कार्ड पेमेंट |
होम लोन | बिजनेस लोन |
ऑटो लोन | बाहरी वाणिज्यिक ऋण (External Commercial Borrowings) |
एजुकेशन लोन |
ग्राहकों को मिलेंगे ये बड़े फायदे
- केवल जुर्माना, ब्याज नहीं: अब EMI चूकने पर केवल एक बार जुर्माना लगेगा, उस पर ब्याज नहीं।
- बैंकों की मनमानी पर लगाम: मनमर्जी से भारी पेनाल्टी और उस पर ब्याज वसूलने की प्रक्रिया पर रोक।
- पारदर्शिता में सुधार: ग्राहक अब बेहतर तरीके से EMI का प्रबंधन कर पाएंगे।
बैंक और NBFC को क्या करना होगा?
RBI ने सभी बैंक और NBFC को निर्देश दिया है कि:
- अपने लोन अनुबंधों को नए नियमों के अनुसार अपडेट करें।
- दंडात्मक ब्याज की शर्त को हटाएं।
- जुर्माने की राशि और शर्तों को स्पष्ट रूप से लिखित में दें।
- जानकारी को डिजिटल और फिजिकल माध्यमों से ग्राहकों तक पहुंचाएं।
यह नियम कब से लागू होगा?
RBI ने यह तो स्पष्ट किया है कि यह नियम जल्द प्रभाव में आएंगे, लेकिन बैंकों को अपना सिस्टम और डॉक्युमेंटेशन अपडेट करने का समय दिया जाएगा। संभवतः यह अगले कुछ महीनों में पूरी तरह लागू हो जाएगा।
आम लोगों के लिए क्या मायने हैं ये बदलाव?
- यह नियम विशेष रूप से नौकरीपेशा, मध्यम वर्ग और अस्थायी आर्थिक कठिनाई झेल रहे लोगों के लिए बेहद सहायक है।
- EMI भुगतान में यदि कोई चूक होती है, तो अब अगली किश्त में भारी-भरकम रकम चुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- इससे मानसिक तनाव और वित्तीय दबाव दोनों में कमी आएगी।
निष्कर्ष
RBI का यह कदम लोन लेने वाले आम ग्राहकों के हित में एक बड़ी पहल है। इससे EMI में देरी के कारण बढ़ते जुर्माने और ब्याज के बोझ से राहत मिलेगी। साथ ही यह नियम बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को भी सुनिश्चित करता है।
आने वाले समय में यह बदलाव लोन सिस्टम को और अधिक न्यायपूर्ण और व्यावहारिक बनाएगा।