Gratuity Rule Change: ग्रेच्युटी एक महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ है जो कर्मचारियों को उनके सेवा काल के बाद दिया जाता है। यह एक तरह से कर्मचारी की मेहनत, निष्ठा और समर्पण के लिए कंपनी की ओर से दी जाने वाली सम्मान राशि होती है। जब कोई कर्मचारी रिटायर होता है, नौकरी छोड़ता है, दिव्यांग हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है, तो कंपनी द्वारा ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है।
ग्रेच्युटी की राशि कर्मचारी के अंतिम बेसिक वेतन और कंपनी में बिताए गए कार्यकाल के आधार पर तय की जाती है। यह लाभ कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी आर्थिक सहायता साबित होती है।
ग्रेच्युटी के लिए पात्रता (Eligibility for Gratuity)
ग्रेच्युटी पाने के लिए कुछ बुनियादी शर्तें होती हैं:
- न्यूनतम 5 साल की सेवा जरूरी:
यदि कोई कर्मचारी किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम करता है, तभी वह ग्रेच्युटी का पात्र बनता है।
उदाहरण: अगर आपने 2020 में नौकरी शुरू की है और 2025 में 5 साल पूरे कर लिए, तो आप ग्रेच्युटी के हकदार होंगे। - 5 साल से कम सेवा पर भी ग्रेच्युटी संभव:
कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे कर्मचारी की मृत्यु हो जाना या स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाना – ऐसी स्थिति में ग्रेच्युटी देने के लिए 5 साल की सेवा जरूरी नहीं होती।
कंपनी कर्मचारी की सेवा अवधि चाहे जितनी भी हो, ग्रेच्युटी की राशि उसके नॉमिनी को दी जाती है।
नोटिस पीरियड भी सेवा अवधि में शामिल होता है
बहुत से कर्मचारियों को यह संदेह होता है कि क्या नौकरी छोड़ने से पहले का नोटिस पीरियड ग्रेच्युटी की गणना में जोड़ा जाएगा या नहीं।
इसका जवाब है – हां।
अगर कोई कर्मचारी 4 साल 10 महीने तक कंपनी में काम करता है और फिर 2 महीने का नोटिस पीरियड पूरा करता है, तो उसकी कुल सेवा अवधि 5 साल मानी जाएगी।
इस तरह वह ग्रेच्युटी पाने का पात्र हो जाता है।
ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है?
ग्रेच्युटी की राशि निम्नलिखित फॉर्मूले के अनुसार निकाली जाती है:
ग्रेच्युटी = (अंतिम बेसिक वेतन × कार्यकाल के वर्ष × 15) ÷ 26
यहां,
- अंतिम बेसिक वेतन में बेसिक सैलरी + डीए (Dearness Allowance) शामिल होता है।
- कार्यकाल के वर्ष यानी कर्मचारी ने जितने पूरे साल कंपनी में सेवा दी।
- 15 का मतलब 15 दिन की सैलरी (एक वर्ष के लिए)।
- 26 का मतलब महीने के औसत कामकाजी दिन।
उदाहरण:
अगर किसी कर्मचारी का अंतिम बेसिक वेतन ₹30,000 है और उसने 6 साल तक काम किया, तो ग्रेच्युटी होगी:(30,000 × 6 × 15) ÷ 26 = ₹1,03,846
किन परिस्थितियों में 5 साल से पहले भी ग्रेच्युटी मिलती है?
कुछ विशेष स्थितियों में कर्मचारी को 5 साल से पहले भी ग्रेच्युटी मिल सकती है, जैसे:
- कर्मचारी की मृत्यु:
यदि नौकरी के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी सेवा चाहे जितनी भी रही हो, ग्रेच्युटी का भुगतान उसके नॉमिनी को किया जाएगा। - दिव्यांगता:
अगर कर्मचारी किसी दुर्घटना या बीमारी के कारण स्थायी रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है, तो भी ग्रेच्युटी का हकदार होता है। - 4 साल 8 महीने या उससे अधिक सेवा:
कुछ न्यायिक मामलों और HR प्रथाओं में यह देखा गया है कि यदि कर्मचारी ने लगातार 4 साल और 240 दिन (मतलब 4 साल 8 महीने) काम किया हो, तो वह ग्रेच्युटी के लिए पात्र माना जाता है।
ग्रेच्युटी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें
- फॉर्म F भरना जरूरी:
कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ मिलने के लिए कंपनी द्वारा तय फॉर्म ‘Form F’ भरकर अपने नॉमिनी का नाम देना जरूरी होता है। - Tax-Free लाभ:
ग्रेच्युटी की राशि एक तय सीमा तक टैक्स फ्री होती है। वर्तमान में यह सीमा ₹20 लाख तक है। - Private और Government कर्मचारियों दोनों को लाभ:
ग्रेच्युटी का लाभ प्राइवेट कंपनियों और सरकारी संगठनों दोनों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलता है, बशर्ते वे ग्रेच्युटी एक्ट के अंतर्गत आते हों।
2025 में क्या बदले हैं ग्रेच्युटी के नियम? (Gratuity Rule Changes in 2025)
हाल ही में सरकार द्वारा ग्रेच्युटी के नियमों में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं:
- फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी:
अब ऐसे कर्मचारी जो कॉन्ट्रैक्ट या फिक्स्ड टर्म पर काम करते हैं और जिन्होंने 1 साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। - न्यूनतम कार्यकाल की शर्तों में नरमी:
कुछ क्षेत्रों में जैसे शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों आदि में न्यूनतम सेवा की शर्तों को लेकर लचीलापन दिखाया गया है। - नए वेज कोड (New Wage Code):
नए वेज कोड के तहत ग्रेच्युटी की गणना में ‘बेसिक सैलरी’ की परिभाषा को स्पष्ट किया गया है, जिससे भविष्य में मिलने वाली राशि में फर्क आ सकता है।
ग्रेच्युटी क्यों जरूरी है?
- यह कर्मचारी की सेवाओं का आर्थिक सम्मान है।
- यह रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को सुरक्षित बनाती है।
- यह कर्मचारी के परिवार के लिए आर्थिक सुरक्षा देती है।
- यह कर्मचारियों को लंबे समय तक कंपनी से जोड़े रखने में मदद करती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
ग्रेच्युटी एक ऐसा लाभ है जो हर कर्मचारी के भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। 2025 में हुए नए बदलावों से यह लाभ और भी अधिक कर्मचारियों तक पहुंच सकेगा। अब फिक्स्ड टर्म वाले और 1 साल सेवा देने वाले कर्मचारी भी इसका लाभ ले सकते हैं। नोटिस पीरियड को सेवा अवधि में जोड़ने से कर्मचारियों को आसानी से पात्रता मिल सकती है।
अगर आप किसी कंपनी में लंबे समय से कार्यरत हैं या कार्यरत रहना चाहते हैं, तो ग्रेच्युटी से जुड़ी इन जानकारियों को जरूर समझें और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें।