cibil score rules : अगर आपका सिबिल स्कोर किसी बैंक या वित्तीय संस्था की गलती से खराब हो गया है, तो अब आपको मुआवजा मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए नए सख्त नियम लागू किए हैं, जिससे ग्राहकों को फायदा मिलेगा और उन्हें महीनों तक परेशान नहीं होना पड़ेगा।
क्या होता है सिबिल स्कोर और क्यों है ये ज़रूरी?
सिबिल स्कोर (CIBIL Score) एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच होती है। यह आपके लोन लेने की क्षमता को दर्शाता है। अगर आपका स्कोर अच्छा है, तो बैंक आपको आसानी से लोन देते हैं, वह भी कम ब्याज दर पर।
लेकिन अगर यह स्कोर किसी गलती की वजह से गलत अपडेट हो जाए, तो आपको लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। इसीलिए यह स्कोर बहुत महत्वपूर्ण होता है।
क्या थी अब तक की समस्या?
- कई बार बैंकों या क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों की ओर से गलत जानकारी अपडेट कर दी जाती थी।
- लोन चुकाने के बावजूद भी “बकाया” दिखा दिया जाता था।
- ग्राहक को बिना किसी गलती के महीनों तक चक्कर काटने पड़ते थे।
- इस देरी से ग्राहक का सिबिल स्कोर गिरता था और भविष्य में उन्हें लोन मिलने में दिक्कत आती थी।
आरबीआई के नए नियम क्या कहते हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (जैसे CIBIL, Equifax, Experian आदि) को लेकर नए सख्त निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों के तहत:
1. समस्या हल करने की समय सीमा
- बैंक या एनबीएफसी को 21 कार्य दिवस (Working Days) में शिकायत का समाधान करना होगा।
- अगर बैंक समय पर जानकारी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी को नहीं देता, तो बैंक को हर दिन ₹100 का मुआवजा देना होगा।
2. क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी के लिए समय सीमा
- क्रेडिट एजेंसी को 9 कार्य दिवस के अंदर समस्या का समाधान करना होगा।
- अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो एजेंसी को भी हर दिन ₹100 जुर्माना देना होगा।
अब नहीं छिपाई जा सकेगी जानकारी
आरबीआई के निर्देशों के मुताबिक:
- जब भी कोई बैंक, एनबीएफसी या वित्तीय संस्था आपके सिबिल स्कोर को चेक करेगी, तो आपको इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा।
- बैंक या एजेंसी को ग्राहक को SMS और ईमेल के माध्यम से सूचित करना होगा कि उनका स्कोर चेक किया गया है।
ग्राहक को क्या फायदा होगा?
- अगर आपके क्रेडिट स्कोर में कोई गलत जानकारी दर्ज होती है, तो अब उसकी जिम्मेदारी बैंक और क्रेडिट एजेंसी की होगी।
- अगर वे समय पर उस गलती को नहीं सुधारते, तो आपको हर दिन ₹100 का मुआवजा मिलेगा।
- यह व्यवस्था ग्राहकों को न्याय दिलाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बनाई गई है।
कब से लागू हुए ये नियम?
RBI ने यह दिशा-निर्देश 10 अप्रैल 2025 से लागू किए हैं। अब देशभर के सभी बैंकों, NBFCs और क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसियों को इन नियमों का पालन करना जरूरी है।
अगर आपकी रिपोर्ट गलत है तो क्या करें?
- सबसे पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को CIBIL या अन्य क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट से डाउनलोड करें।
- अगर कोई जानकारी गलत है, तो संबंधित बैंक/NBFC से संपर्क करें।
- बैंक आपकी शिकायत को रिकॉर्ड करेगा और 21 दिनों के भीतर समाधान करेगा।
- अगर बैंक देरी करता है, तो आप RBI की शिकायत वेबसाइट (https://cms.rbi.org.in) पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
RBI का यह कदम ग्राहकों को क्रेडिट रिपोर्ट में पारदर्शिता और समय पर समाधान देने की दिशा में बहुत बड़ा फैसला है। अब बैंकों और क्रेडिट एजेंसियों की जिम्मेदारी होगी कि वे सही समय पर जानकारी अपडेट करें और किसी भी तरह की गलती पर ग्राहक को नुकसान न उठाना पड़े। यह नियम उन सभी लोगों के लिए राहत लेकर आया है जिनका सिबिल स्कोर गलत अपडेट होने की वजह से प्रभावित हुआ था।